आगे बढ़ो तुम अन्ना

बर्फ दिल हो तुम अन्ना,पत्थर दिल यह सरकार
तुम पिघल ना जाना आगे बढ़ो

यह सरकार सिर्फ पड़ी रहती
अपने दरबारी भेज देती

खुले छोड़ रखे अपनी सिपाही और मंत्री,
करने को भ्रष्टाचार|
पत्थर दिल यह सरकार|

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5 टिप्पणियाँ:

Gyan Darpan ने कहा…

हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है सिमरन! आगे भी इसी तरह लिखती रहें|

Rambabu ने कहा…

हिंदी ब्लॉग जगत की खुबसूरत परिवार में आपका बहुत बहुत स्वागत है !! ऐसे ही प्यारी प्यारी कविता आप लिखते रहें ! शुभकामना मेरी ओर से !!!

उम्मतें ने कहा…

वाह बड़ी सुन्दर कविता है !

Unknown ने कहा…

हिंदी ब्लाग जगत के परिवार में आपका स्वागत है सिमरन ...बहुत प्यरी कविता लिखी है आपने..निरंतर लिखती रहें आप...शुभ कामनाएँ

tips hindi me ने कहा…

हिंदी ब्लॉग जगत के इस मन के भावों के प्र्स्तुतिकर्ण किस इस अनोखी दुनिया में आप स्वागत है |

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