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बर्फ दिल हो तुम अन्ना,पत्थर दिल यह सरकार
तुम पिघल ना जाना आगे बढ़ो
यह सरकार सिर्फ पड़ी रहती
अपने दरबारी भेज देती
खुले छोड़ रखे अपनी सिपाही और मंत्री,
करने को भ्रष्टाचार|
पत्थर दिल यह सरकार|
मेरे पास दो कागज थे, मैंने उनकी गुड़िया बनाई
गुड़िया टूटी और रूठी,मैंने उसे फिर से जुड़वाई
और हम दोनों गई सागर ओर
हमने देखे वहां दो सुन्दर मोर
अपने पंख फैलता झट से
उड़कर बाग में जाता फट से
हम भी भागे उसके पीछे
देखा तो वह कीड़े खा रहा नीचे
मोर को पसंद है कीड़े खाना
कोयल को मन-पसंद गाना|
"एक-दो-तीन-चार"
चार पे लगाओ अपनी रोटी पर आचार
"पांच-छै-सात-आठ"
लगाओ सामान पर रस्सी की गांठ
"नौ-दस"
दस पर चलेगी अपनी सीकर की बस|
मेरे पास थे दो-दो बन्दर,
एक था अनाड़ी एक था सिकंदर|
दोनों मिलकर साथ साथ रहते,सोते,
खाते,पीते साथ में नहाते|
हर काम साथ साथ मिलकर करते|
दोस्तों यह है अच्छी बात
सदा रहना एक दूसरे के साथ|